अगर आप भी हैं चाय के शौकीन तो ये जानकारी खास आपके लिए || If you are also fond of tea (Tea Lover), then this information is special for you.
इस लेख में हम आपको चाय के बारे में कुछ विशेष बातें बताने वाले हैं। चाय अमृत है या विष है यह निर्णय आपको खुद लेना है। हम आज आपको पांच ऐसे पॉइंट बताएंगे जिसके बाद आप खुद डिसीजन लें सकेंगे की चाय पीना लाभदायक है या नुक्सानदायक।
1• 2006 में हुई एक जर्मन स्टडी के अनुसार चाय में पॉलीफेनोल और फिलेमिनेंट नाम का एंटी ऑक्सीडेंट पाया जाता है जो की शरीर के लिये फायदेमंद होता है। लेकिन जैसे ही चाय को हम दूध में डालते हैं तो दूध में पाए जाने वाले कैफीन नाम के प्रोटीन के साथ मिलते ही वो केमिकल कन्वर्ट हो जाता है। यानी कि केमिकल रिएक्शन होता है। जो की हमारे शरीर में एसिडिटी का, लीवर के रोगों का, और किडनी के रोगों का मुख्य कारण है।
2• अगर चाय में दूध और चीनी डाल के पिया जाता है तो चीनी में फास्फोरस और सल्फर पाया जाता है। जो पेट के रोगों को 90 % बढ़ा देता हे, और इसी से आर्टरीज जो हमारी हार्ट की नलियाँ हैं वो सख्त हो जाती हैं। इसी के परिणाम स्वरूप भारत में आज लगभग 10 करोड़ लोग बीपी के मरीज हो गये हैं और लगभग डेढ़ करोड़ हार्ट के रोगी हैं।
3• न्यू इंग्लैंड जर्नल आफ मेडिसिन स्टडीज ने भी कहा है कि ज्यादा चाय पीने से फ्लोराइड की मात्रा बढती है जिससे हड्डियां कमजोर होती हैं। जिससे भारत के लोगों में आर्थराइटस, आस्थो अर्थराईटस और रोमेटिक अर्थराइटिस यानी की गठिया के रोग बढ़ रहे हैं और भारत में इसी वजह से लोग घुटने को चेंज करा रहे हैं, रीढ़ की हड्डी का ऑपरेशन करा रहे हैं और जोड़ों के दर्द की दवाइयां खा रहे हैं।
4• चाय में कैटेचिन्स नाम का एक और बहुमूल्य तत्व एंटीऑक्सीडेंट होता है जो कि हमारी इम्यूनीटी के लिए अच्छा होता है लेकिन जैसे ही चाय की पत्ती को आप जानवर से प्राप्त दूध में डालते हैं तो वह कार्बन बन जाता है जिसके प्रभाव से पैंक्रियास ग्रंथि पर कार्बन यानी कि टॉक्सिन जमता है केमिकल जमता है। जिसके प्रभाव से शुगर होती है।इसलिये भारत में आज 9 करोड़ लोग शुगर की गोली रोज खा रहे हैं और लगभग डेढ़ करोड़ लोग किडनी के पेशेंट हैं।
5• दूध वाली चाय के एक कप में लगभग 150- 200 कैलोरीज हो जाती हैं और जो व्यक्ति रोज तीन से चार कप चाय पीता है तो वह रोज 500 से 700 कैलोरी एक्स्ट्रा ले लेता है। जिससे मोटापा बढ़ता है, कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है। इसी वजह से भारत आज पूरे विश्व में हार्ट की प्रॉब्लम की राजधानी बनता जा रहा है।
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